गरुड़ पुराण में स्त्री के कर्तव्यों का विवरण है, जो उसके धर्म का हिस्सा हैं। स्त्री का धर्म उसके परिवार और समाज के प्रति समर्पण को दर्शाता है। यह उसके जीवन के विभिन्न पहलुओं में उसकी भूमिका को परिभाषित करता है, जिसमें परिवार की देखभाल, धार्मिक कर्तव्यों का पालन, और समाज में योगदान शामिल हैं।