विभाजन ने भारत और पाकिस्तान के समाजों पर गहरा असर डाला। इसने सामाजिक संरचनाओं को बदल दिया और सांप्रदायिक संबंधों में तनाव पैदा किया। विभाजन के बाद, दोनों देशों में सामाजिक सुधारों की आवश्यकता महसूस की गई, जिसमें शिक्षा और महिलाओं की स्थिति में सुधार शामिल था।