भारत में महिला सशक्तिकरण के विभिन्न पहलुओं, उपलब्ध संसाधनों, और सरकारी नीतियों के बारे में विस्तृत जानकारी निम्नलिखित है:
1. राष्ट्रीय महिला नीति, 2016
वर्ष 2016 में, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (MWCD) ने राष्ट्रीय महिला नीति का मसौदा तैयार किया। इस नीति का उद्देश्य भारत में महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए एक दृष्टिकोण तैयार करना था। इस नीति में महिलाओं के समग्र विकास पर ध्यान दिया गया है, जिसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, और राजनीतिक भागीदारी शामिल हैं।
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2. सुविधा योजना
सुविधा योजना भारत में 50 लाख से अधिक महिलाओं को सशक्त बनाने का एक महत्वपूर्ण कदम है। इस योजना का उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक स्वतंत्रता, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, और राजनीतिक भागीदारी प्रदान करना है। इसके अलावा, यह योजना परिवार नियोजन और सामाजिक एवं सांस्कृतिक परिवर्तन को भी बढ़ावा देती है।
3. समान अवसर
सभी क्षेत्रों में महिलाओं के लिए समान अवसर उपलब्ध कराना महत्वपूर्ण है। इसके लिए भारतीय मॉडल तैयार किया जा रहा है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि महिलाएं सभी निर्णय लेने वाली संरचनाओं में शामिल हों। इससे विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
4. लैंगिक समानता और सामाजिक-आर्थिक परिणाम
भारत में लैंगिक समानता प्राप्त करने की राह में कई चुनौतियां हैं। इनमें निम्न श्रम शक्ति भागीदारी और सामाजिक-आर्थिक परिणामों में असमानता शामिल है। इन मुद्दों को संबोधित करने के लिए नीतियों की आवश्यकता है।
5. राजनीतिक भागीदारी
राजनीतिक भागीदारी को व्यापक रूप से सामाजिक परिवर्तन का एक साधन माना जाता है। उच्च स्तर पर सक्रिय राजनीति में अधिक महिलाओं के प्रवेश से महिला सशक्तिकरण की प्रक्रिया में तेजी आएगी क्योंकि एक महिला समाज में सभी महिलाओं की आवाज़ को बुलंद करती है।
6. आर्थिक सशक्तीकरण
आर्थिक सशक्तीकरण से तात्पर्य महिलाओं को संसाधनों, परिसंपत्तियों, आय और अपने स्वयं के समय के साथ - साथ जोखिम या कठिनाइयों को नियंत्रित करने और उनके प्रबंधन और जोखिम को प्रबंधित करने के अधिकार देना है। इससे उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनने में मदद मिलती है।
7. कानूनी अधिकार
भारतीय कानूनों ने महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए कई प्रावधान किए हैं। इनमें तीन तलाक के ख़िलाफ़ कानून, घरेलू हिंसा से बचाव कानून, और यौन उत्पीड़न से बचाव कानून शामिल हैं। इन कानूनों ने महिलाओं को अधिकार दिए हैं और उन्हें न्याय दिलाने में मदद की है।
8. सामाजिक और सांस्कृतिक परिवर्तन
सामाजिक और सांस्कृतिक परिवर्तन भी महत्वपूर्ण है। इसके लिए जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं ताकि पुराने पूर्वाग्रहों और रूढ़िवादी व्यवहारों को बदला जा सके। इससे महिलाओं को समाज में बराबरी का दर्जा दिलाने में मदद मिलेगी।
9. शैक्षिक और व्यावसायिक प्रशिक्षण
शैक्षिक और व्यावसायिक प्रशिक्षण भी महत्वपूर्ण है। इससे महिलाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त होते हैं और वे अपने पैरों पर खड़े होकर आत्मनिर्भर बन सकती हैं। इसके लिए व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।