सॉफ्टवेयर सिस्टम कंप्यूटर के संचालन और प्रबंधन के लिए आवश्यक होते हैं। यह कंप्यूटर हार्डवेयर और एप्लिकेशन सॉफ्टवेयर के बीच एक मध्यस्थ की भूमिका निभाते हैं। सॉफ्टवेयर सिस्टम को मुख्यतः दो प्रकारों में विभाजित किया जा सकता है: सिस्टम सॉफ्टवेयर और एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर।
सिस्टम सॉफ्टवेयर (System Software)
सिस्टम सॉफ्टवेयर वह सॉफ्टवेयर है जो कंप्यूटर हार्डवेयर को नियंत्रित और प्रबंधित करता है ताकि एप्लिकेशन सॉफ्टवेयर अपना कार्य कर सके। इसमें निम्नलिखित प्रकार शामिल हैं:
ऑपरेटिंग सिस्टम (Operating System):
ऑपरेटिंग सिस्टम कंप्यूटर के सभी हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर घटकों को नियंत्रित करता है।
यह यूजर और कंप्यूटर के बीच इंटरफ़ेस प्रदान करता है।
उदाहरण: विंडोज, मैकओएस, लिनक्स।
डिवाइस ड्राइवर (Device Driver):
डिवाइस ड्राइवर हार्डवेयर घटकों को ऑपरेटिंग सिस्टम से जोड़ने का काम करते हैं।
यह हार्डवेयर घटकों को नियंत्रित करने और उनके साथ संवाद करने में मदद करते हैं।
उदाहरण: प्रिंटर ड्राइवर, ग्राफ़िक कार्ड ड्राइवर।
फर्मवेयर (Firmware):
फर्मवेयर हार्डवेयर में निहित एक प्रकार का सॉफ्टवेयर है जो हार्डवेयर को नियंत्रित करता है।
यह आमतौर पर रोम (Read-Only Memory) में संग्रहीत होता है।
उदाहरण: बायोस (BIOS), यूईएफआई (UEFI)।
उपयोगिता सॉफ्टवेयर (Utility Software):
उपयोगिता सॉफ्टवेयर कंप्यूटर के विभिन्न कार्यों को आसान बनाने के लिए डिज़ाइन किए जाते हैं।
यह फ़ाइल प्रबंधन, डिस्क प्रबंधन, वायरस सुरक्षा आदि कार्यों को शामिल करता है।
मीडिया प्लेयर्स वीडियो और ऑडियो फ़ाइलों को चलाने के लिए उपयोग किए जाते हैं।
उदाहरण: वीएलसी मीडिया प्लेयर, विंडोज मीडिया प्लेयर।
महत्व
सॉफ्टवेयर सिस्टम का महत्व इस बात में निहित है कि यह कंप्यूटर हार्डवेयर और एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर के बीच एक मध्यस्थ की भूमिका निभाता है। यह कंप्यूटर के बुनियादी कार्यों को सुचारू रूप से चलाने में मदद करता है और उपयोगकर्ताओं को व्यापक कार्यक्षमता प्रदान करता है। बिना सॉफ्टवेयर के, हार्डवेयर अकेले किसी भी उपयोगी कार्य को पूरा नहीं कर सकता।